हर महीने आपकी सैलरी आती है तो सैलरी का कुछ हिस्सा आप save करते हो या invest करते हो। म्युचुअल फंड एक टाइप की investment है जिससे आप एक जगह इन्वेस्टमेंट करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हो। Asset Management Company (AMC) वो कंपनी होती है जो म्यूच्यूअल फण्ड खोलती है। उनके पास experts लोगो की टीम होती है। जो लोग म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करते है उनका पैसा ये AMC अपने एक्सपर्ट्स की सलाह से अलग अलग जगह इन्वेस्ट कर देती है। और उन सारी अलग अलग इन्वेस्टमेंट से जो रिटर्न्स मिलते है उसका कुछ percent AMC रख लेती है कमीशन के तौर पर जो की बहोत ही कम होता है। और बाकि सारा पैसा आप लोगो को वापस मिल जाता है उस return rate के हिसाब से।
हर एक Asset Management Company अलग अलग टाइप के म्यूच्यूअल फंड्स निकालती है। उदाहरण के लिए ICICI ने तो हज़ार से भी ज्यादा म्यूच्यूअल फंड्स निकाले है।
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म्यूच्यूअल फण्ड कितना रिटर्न्स देता है?
म्यूच्यूअल फण्ड कितना return देते है और कितना risky होते है ये सब निर्भर करता है की आप कोनसा म्यूच्यूअल फण्ड ले रहे हो । कुछ म्यूच्यूअल फण्ड ४% का return दे सकते है और ज्यादा से ज्यादा ३०% के ऊपर भी return दे सकते है। ० रिस्क वाले भी म्यूच्यूअल फण्ड होते है और हाई रिस्क वाले भी म्यूच्यूअल फण्ड हो सकते है। ये सब निर्भर करता है की Asset Management Company आपके पैसे को कहाँ पे इन्वेस्ट कर रही है। वो कंपनी आपके पैसो को stocks में इन्वेस्ट कर रही है तो ज्यादा रिटर्न्स मिलेंगे और रिस्क भी ज्यादा होगी और अगर गवर्नमेंट बांड्स में इन्वेस्ट कर रही है तो रिटर्न्स कम मिलेंगे और रिस्क भी कम होगा।
म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार
AMC में बैठे एक्सपर्ट्स आपके पैसे को कहाँ इन्वेस्ट कर रहे है उस हिसाब से म्यूच्यूअल फण्ड के अलग अलग प्रकार हो सकते है। मोटे तौर पर म्यूच्यूअल फंड्स को ३ श्रेणियो में बाटा जा सकता है – १) Equity २) Debt ३) Hybrid
Equity mutual Fund
Equity mutual Funds
Equity mutual Funds वो होते है जिसमे आपका पैसा स्टॉक मार्किट में इन्वेस्ट किया जाता है। इस म्यूच्यूअल फंड्स में रिस्क ज्यादा होता है और रिटर्न्स भी ज्यादा होता है। उसमे भी अगर बड़ी कंपनी में इन्वेस्ट करते है तो उसे कहते है Large Cap Equity fund। अगर छोटी कंपनी में इन्वेस्ट कर रहे हो तो उसे Small Cap Equity Fund कहते है और जो कंपनियां ज्यादा बड़ी भी नहीं है और ज्यादा छोटी भी नहीं है उसे कहते है Mid Cap Equity Fund।
बड़ी कंपनियों में नुकसान होने का रिस्क कम रहता है लेकिन बड़ी कंपनियों के शेयर की किमते उतनी नहीं बढ़ती जितनी छोटी कंपनियों की बढ़ सकती है। तो रिस्क और रिटर्न्स दोनों ही बड़ी कंपनियों में कम होता है।
Diversified Equity Fund
Diversified Equity Fund में Large Cap, Mid Cap and Small Cap सब में थोड़ी थोड़ी इन्वेस्टमेंट की जाती है।
Equity Linked Saving Scheme (ELSS)
ये एक स्पेशल टाइप का equity fund होता है जिसमे आप अपना टैक्स बचा सकते है। इस म्यूच्यूअल फण्ड में आपको जो प्रॉफिट मिलेगा उसपे आप अपना टैक्स बचा सकते है। इसका फण्ड मैनेजर पैसे को ऐसे जगह इन्वेस्ट करता है जिसमे ज्यादा रिटर्न्स मिले और रिस्क भी ज्यादा हो।
Sector Mutual fund
इस में ऐसे कंपनियों के शेयर्स में इन्वेस्ट किया जाता है जो किसी बड़े सेक्टर में आती है। जैसे कृषि क्षेत्र, कृषि क्षेत्र के संबंधित जो जो कंपनियां है उसमे इन्वेस्ट करना। दवा क्षेत्र, ऑटोमोबाइल क्षेत्र, रासायनिक क्षेत्र और भी ऐसे कई क्षेत्र है। ये म्यूच्यूअल फंड्स ज्यादा रिस्की होते है क्युकि कोई सेक्टर (क्षेत्र) में गिरावट आती है तो उसके सभी कंपनियों के शेयर्स में गिरावट आती है। ऐसे में इस म्यूच्यूअल फण्ड में हानि होगी।
Index fund
Index fund निष्क्रिय रूप से manage किये जाने वाले Funds होते है। इसमें AMc के fund manager तय नहीं करते की पैसे किस स्टॉक्स में डालने चाहिए। ये म्यूच्यूअल फण्ड पूरी तरह निफ्टी या सेंसेक्स पर निर्भर करता है। ये फण्ड मार्किट का अनुसरण करता है। स्टॉक मार्किट बढ़ा तो इसमें फायदा दिखेगा अगर स्टॉक मार्किट गिरा तो इस फण्ड में नुकसान दिखेगा। ये निफ्टी या सेंसेक्स के नंबर्स को देखके ऊपर – निचे होते रहते है।
Debt Mutual Fund
ये एक और टाइप के म्यूच्यूअल फण्ड है। ये वो म्यूच्यूअल फंड्स होते है जिनको Debt Instruments में इन्वेस्ट किया जाता है। बांड्स , डिबेंचर्स , सर्टिफिकेट ऑफ़ डिपोसिट ये सब Debt Instruments के टाइप है। Debt Mutual Fund भी अलग अलग टाइप के होते है।
Liquid Funds
Liquid Funds वो म्यूच्यूअल फंड्स होते है जिनको आसानी से कॅश में बदला जा सकता है। १ से २ दिन के अंदर इसे कॅश में बदला जा सकता है और इसमें रिस्क भी कम रहता है। इसे आप सेविंग अकाउंट की तरह ही समझ सकते है।
Gilt Funds
ये वो फंड्स होते है जिनमे गवर्नमेंट बांड्स में इन्वेस्ट किया जाता है। techically इस म्यूच्यूअल फंड्स में zero रिस्क है यानि कोई रिस्क ही नहीं है। क्युकि इसमें सरकार आपके पैसे borrow करते है तो ऐसा कभी नहीं होगा की सरकार आपके पैसे ना लौटाए। लेकिन इंटरेस्ट रेट कम ज्यादा हो सकता है।
Fixed Maturity Plan
Fixed Maturity Plan को आप Fixed Deposites के तरह ही समझ सकते हो। इसमें FD जितना ही low risk होता है। इसमें एक विशिष्ट समय के लिए इन्वेस्ट किया जाता है। उस समय से पहले आप पैसे नहीं निकाल सकते।
Hybrid Mutual Funds
Hybrid mutual Funds ये Debt Mutual Funds और Equity Mutual Funds दोनों से मिलके बनता है। कुछ लोग चाहते है की हम स्टॉक मार्किट में इन्वेस्ट करे लेकिन सारे पैसे वहां इन्वेस्ट ना करे हमारे कुछ पैसे debt instruments में भी इन्वेस्ट हो। उनके लिए Hybrid mutual Funds बेस्ट ऑप्शन है।
Balanced Saving Funds (Equity Saving)
इस टाइप के फण्ड में ज्यादा पैसे Debt Funds में इनवेस्टेड होते है। लगभग उसकी ratio रहती है ७०:३०। यानि ७०% पैसे low risk यानि Debt Funds में है और ३०% पैसे Equity Funds में।
Balanced Advantage Funds (Hybrid Aggressive)
इस टाइप के फण्ड में ज्यादा पैसे Equity Funds में इनवेस्टेड होते है यानि ७०% पैसे Equity Funds में डाले जाते है।
म्यूच्यूअल फंड्स के फायदे
१) म्यूच्यूअल फंड्स इन्वेस्टर्स के पैसो को अलग अलग जगह इन्वेस्ट करते है इस वजह से इसमें पैसे डूबने का खतरा कम हो जाता है। लेकिन ये खतरा उसपे निर्भर करता है की आप कोनसा म्यूच्यूअल फण्ड ले रहे हो।
२) म्यूच्यूअल फंड्स को आप छोटी धन राशि के साथी भी स्टार्ट कर सकते है। और भविष्य में अपने हिसाब से इन्वेस्टमेंट की अमाउंट घटा या बढ़ा सकते है।
३) आपके पैसे की इन्वेस्टमेंट म्यूच्यूअल फण्ड में प्रोफेशनल एक्सपर्ट लोग करते है।