पर्सनल फाइनेंस क्या है? पर्सनल फाइनेंस के बारे में सबकुछ जो आपको जानना चाहिए

पर्सनल फाइनेंस ये नाम तो आपने बहोत बार सुना होगा लेकिन पर्सनल फाइनेंस क्या है? ये काफी कम लोगो को पता होगा। इस आर्टिकल मे मैं आपको पर्सनल फाइनेंस के बारे मे वो सब जानकारी दूंगा जो आपको जानना आज के समय में बहोत ही महत्वपूर्ण है। पर्सनल फाइनेंस इस ऐसी skill है जिसकी मदद से आप अपने बैंक में पड़े पैसों को और ज्यादा बढ़ा सकते हो ।

पर्सनल फाइनेंस का विषय बहोत ही बड़ा है लेकिन आज के जमाने में हर किसी को पर्सनल फाइनेंस के बारे में थोड़ी बहोत जानकारी तो होनी ही चाहिए। स्कूल या कॉलेज में आपको पर्सनल फाइनेंस के बारे में कभी भी नहीं सिखाया जायेगा। इसे आपको खुद ही आर्टिकल्स , यूट्यूब वीडियोस और बुक्स की मदद से सीखनी पड़ेगी।

हमे बचपन से सिखाया जाता है की आपने पैसे को save करो ताकि आगे चलके वो आपके काम आ सके। पैसे save करने की आदत definitely अच्छी है। लेकिन अगर आप एक जॉब कर रहे हो और महीने का एक fix income कमा रहे हो जिससे घर के खर्चो के बाद आपके पास थोड़ी सी amount ही बच रही है, जो आप अपने बैंक के saving accounts में रखते हो, तो ऐसा करना गलत होगा। अगर आपने जिंदगीभर आपने पैसा saving account में सेव किया तो ये आपके लाइफ की एक बड़ी गलती होती। इसका main कारण है Inflation।

Inflation का मतलब आपके आस-पास की जरूरतमंद चीजों की कीमतों में वृद्धि और पैसे के सामान्य मूल्य में गिरावट है। जैसे आज एक चिप्स के पैकेट की कीमत 10 Rs है। लेकिन आनेवाले ८-१० सालो में उसकी कीमत और बढ़ेगी। जैसे जैसे पूरी दुनिया की economy बढ़ेगी , इंडिया की economy भी बढ़ेगी और चीजों के दाम भी बढ़ाते ही जायेंगे। आज अगर आपने future के लिए ५ लाख रुपये अपने बैंक अकाउंट में save किये है तो future में उसी ५ लाख रुपयों की value थोड़ी कम हो जाएगी। ये बात सही है की बैंक आपको आपके पैसों पर इंटरेस्ट भी देगी लेकिन ये भी सच है की जिस rate से inflation बढ़ेगा, महंगाई बढ़ेगी उसी rate से बैंक आपको आपके पैसों पर इंटरेस्ट नहीं देगा।

आज आपके पास उसी पैसों को बढ़ने के कई ओर ऐसे तरीके है जो आपको saving bank account से भी कई ज्यादा मुनाफा दे सकते है।

आपको कभी भी एक income source पर depend नहीं रहना है। आपके पास एक active income source के साथ साथ कुछ passive income source भी होने चाहिए।

Income Source

दो प्रकार के income source होते है।

Active Income Source – आप जो भी जॉब कर रहे हो चाहे वो प्राइवेट हो चाहे वो गवर्नमेंट हो या आप की कोई शॉप है या कोई बिज़नेस है। आप हर दिन आपने काम पे जा रहे हो। रोजाना ८ घंटे काम करते हो जिसके आपको पैसे मिलते है। इसी को Active income कहते है। Active income source में आप अपना टाइम देते हो , उस में आप Actively काम करते हो ओर उसका आपको पैसा मिलता है।

Passive Income Source – ये ऐसे income sources होते है जिनका फायदा उठा कर आप घर बैठे बैठे पैसा कमा सकते हो। passive income कमाने के लिए आपको हर रोज actively काम नहीं करना पड़ता है। जब आप रात को सो रहे होते हो या किसी vacation में एन्जॉय कर रहे होते हो तब भी passive income आपको पैसे कमा के देता है। आपको एक्टिव इनकम सोर्सेज के साथ साथ passive income sources बढ़ने पर भी ध्यान देना चाहिए।

पर्सनल फाइनेंस क्या होता है?

सरल भाषा में कहें तो आपके पर्सनल Money का यानि आपके कमाएं हुए पैसो का सही तरीके से management करना है, जिससे भविष्य में आपको ज्यादा से ज्यादा फायदा हो सके। इसमें आपके खर्चो का बजट तय करना, सोच-समझकर खर्च करना, बचत करना, फाइनेंशियल प्लान बनाना, और सबसे अहम् बात आपके पैसो को स्मार्ट तरीके से invest करना है।

आपको आपके भविष्य के खर्चो को और आवश्यकतायो को पहचानकर ही पैसो का management करना चाहिए। आपके फाइनेंशियल प्लान में सही संतुलन चाहिए होता है ताकि आपको रिटर्न्स अच्छे मिले, आपकी टैक्स सेविंग भी अच्छे से हो, emergency के लिए कुछ धन राशि हो और कुछ बहोत बुरे संकट के हालात में आपके पास इन्शुरन्स भी हो।

पर्सनल फाइनेंस में सबसे जरुरी है emergency situations में ready रहना। Emergency Situation के लिए आपके पास पैसे बचे हुए नहीं है तो आप कभी भी एक सुकून की जिंदगी (Peaceful Life ) नहीं जी सकते। आपके दिमाग में हमेशा टेंशन रहेगी।

Assets vs Liabilities

जो भी चीजे आप खरीदते हो वो दो categories में होते है – assets and liabilities। Liabilities वो चीजे होती है जिसका value टाइम के साथ कम होते जाता है। उदहारण के लिए एक कार जिसे एक बार खरीदने पर आप उसे उसी कीमत पर दुबारा बेच नहीं सकते। और उसके maintenance और petrol में भी खर्चा लगेगा। यानि एक कार आपको profit कमाके नहीं देगी बल्कि आपके जेब से उसपर और ज्यादा खर्च होगा।

assets इसके opposite है। assets एक बार खरीदने के बाद future में आपको profit कमा के दे सकता है। उदहारण के लिए एक अच्छे कंपनी का शेयर जो खरीदने पर future में उसकी कीमत बढ़ जाए तो आपको फायदा होगा। आपके जेब से पैसे जायेगे नहीं , आपके जेब में पैसे आयेंगे।

आपको ज्यादा से ज्यादा assets खरीदने पर ध्यान देना चाहिए और आपके Liabilities कम होने चाहिए। आपके पास जितने ज्यादा assets होंगे और जीतनी कम Liabilities होगी उतना ही ज्यादा आपको फायदा होगा।

real estate में पैसे लगाना एक safe options है। लेकिन और भी कई options है जिससे आप अपने पैसे को बढ़ा सकते हो जैसे Shares, Government bonds, Bank bonds, Mutual Fund, SIP। लेकिन साथ में ये भी ध्यान रखना जरुरी है की इन options में risk भी है अगर आपको इन सब चीजों की पूरी जानकारी नहीं है तो। इन assets में आप अपना पैसा डालकर उसे multiply जरूर कर सकते हो।

ऐसे assets में पैसे डालने से पहले आपको ये जानना जरुरी है की जितनी risk high होगी returns भी उतने high होंगे। यानि
High Risk – High Returns
Low Risk – Low Returns
Medium Risk – Medium Returns
आप बड़ी risk लोगे आपके returns भी बड़े होंगे। अगर आप छोटी risk लोगे आपके returns भी कम होंगे।

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